खोया हुआ बिल्ली का बच्चा – The Lost Kitten

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारा सा बिल्ली का बच्चा रहता था जिसका नाम था मिंकी। मिंकी बहुत साहसी और नटखट था। वह हमेशा नई जगहों को देखने के लिए उत्सुक रहता था।

एक दिन, मिंकी गाँव के बाहर जंगल में खेलने गया। वह खेलते-खेलते इतना खो गया कि उसे पता ही नहीं चला कि वह कितनी दूर चला आया है। जब मिंकी को एहसास हुआ कि वह घर से बहुत दूर है, तो वह डर गया।

“मुझे घर लौटना चाहिए,” उसने सोचा। लेकिन जंगल बहुत बड़ा और अंधेरा था। मिंकी ने साहस जुटाया और अपने घर की ओर चलने लगा।

चलते-चलते मिंकी ने एक प्यारी सी चिड़िया को देखा। चिड़िया ने मिंकी से पूछा, “तुम क्यों उदास हो, छोटे बिल्ली के बच्चे?”

मिंकी ने कहा, “मैं खो गया हूँ और मुझे घर लौटना है। क्या तुम मेरी मदद करोगी?”

चिड़िया ने कहा, “बिल्कुल! मैं तुम्हें उड़कर रास्ता दिखा सकती हूँ।” चिड़िया मिंकी के साथ उड़ने लगी और उसने उसे सही दिशा दिखाई।

कुछ समय बाद, मिंकी और चिड़िया एक नदी के किनारे पहुँचे। वहाँ एक कछुआ था जो पानी में तैर रहा था। मिंकी ने कछुए से कहा, “क्या तुम मुझे घर वापस जाने में मदद करोगे?”

कछुआ मुस्कराया और बोला, “हाँ, लेकिन तुम्हें नदी पार करनी होगी। मैं तुम्हें अपनी पीठ पर बैठाकर पार कर दूंगा।” मिंकी खुशी-खुशी कछुए की पीठ पर बैठ गया, और कछुआ धीरे-धीरे नदी पार कर गया।

जब वे नदी के पार पहुँचे, तो मिंकी ने देखा कि एक बड़ा पेड़ है। वहाँ एक बंदर था। बंदर ने कहा, “तुम्हें अपने घर के लिए जल्दी करनी चाहिए। मैं तुम्हें पेड़ से कूदकर तुम्हें पास के गाँव तक पहुँचा सकता हूँ।”

मिंकी ने डरते हुए कहा, “क्या तुम सच में मुझे वहाँ पहुँचा सकते हो?”

“हाँ, बस मेरे पीछे रहो!” बंदर ने कहा। उसने मिंकी को अपने साथ लिया और एक लंबी छलांग लगाकर उसे पास के गाँव में छोड़ दिया।

अब मिंकी अपने गाँव के करीब था। उसे अपने घर की खुशबू आ रही थी। उसने चिड़िया, कछुए और बंदर का धन्यवाद किया और जल्दी-जल्दी घर की ओर दौड़ने लगा।

जब मिंकी अपने घर पहुँचा, तो उसकी माँ उसे देखकर बहुत खुश हुई। उसने उसे गले लगाया और कहा, “तुमने मुझे बहुत डराया, मिंकी! लेकिन तुम बहुत बहादुर हो!”

मिंकी ने अपनी साहसिक यात्रा के बारे में अपनी माँ को सब कुछ बताया और वादा किया कि वह अब कभी दूर नहीं जाएगा।

इस तरह, मिंकी ने सीखा कि साहस और दोस्ती से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। और वह फिर कभी नहीं भटका।

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